फर्ज़ नमाज़ों को जमात के साथ मस्जिद मे अदा करने के लिए अजान देना सुन्नते मुअक्कदा है। जब नमाज का वक्त हो जाये तो आजान देना चाहिए। वक्त से पहले जायज़ नहीं है।
जो शख्श आजान दे, उसे चाहिए की किसी ऊंची जगह क़िबले की तरफ मुंह करके खड़ा हो और दोनों कानो मे शहादत की उंगुलिया देकर बुलंद आवाज़ मे आजान दे।
आजान के मुस्तहबात
- मोअज़्ज़िन का मुत्तकि होना
- आजान के सुन्नतों से वाकिफ होना
- बावज़ू आजान देना
- दोनों कानो पर शहादत ऊँगली देना
- "हय्या अलस्सलात" कहते वक्त दाहिने तरफ को देखना और "हय्या अललफ़लाह" कहते वक्त बयां तरफ को देखना
- कलमाते आजान को ठहर - ठहर के कहना
आजान के मकरूहात
- गाने की तर्ज़ पर आजान देना
- गलत आजान देना
- बिना वज़ू के आजान देना
- बैठ कर आजन देना
- आजान के दरमियान बातें करना
- नासमझ बच्चा होना
- पागल होना
- बेहोस होना
- औरत का होना
- फ़ासिक़ होना
अजान और इसका अर्थ (Azan and its meaning)
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
میں گواہی دیتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
میں گواہی دیتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
میں گواہی دیتا ہوں کہ حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے رسول ہیں
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
میں گواہی دیتا ہوں کہ حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے رسول ہیں
حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ
اؤ نماز کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ
اؤ نماز کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ
او کامیابی کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ
او کامیابی کی طرف
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
اللہ کی سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں
फजर की अजान में حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ के बाद यह भी पढ़ें -
ٱلصَّلَوٰةُ خَيْرٌ مِنَ ٱلنَّوْمِ
نماز سونے سے بہتر ہے
ٱلصَّلَوٰةُ خَيْرٌ مِنَ ٱلنَّوْمِ
نماز سونے سے بہتر ہے
अजान हिंदी में लिखी हुई (Azan in Hindi)
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई भी माबूद नहीं है
अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई भी माबूद नहीं है
अश्हदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्ल.) अल्लाह के रसूल है
अश्हदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्ल.) अल्लाह के रसूल है
हय्या अला सलात
नमाज की तरफ आओ
हय्या अला सलात
नमाज की तरफ आओ
हय्या अलल फ़लाह
कामयाबी की तरफ आओ
हय्या अलल फ़लाह
कामयाबी की तरफ आओ
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
ला इलाहा इल्लल्लाह
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
फजर की अजान में हय्या अलल फ़लाह (حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ) के बाद यह भी पढ़ें -
अस-सलातु खैरुं मिनन-नौम
नमाज नींद से बेहतर है
अस-सलातु खैरुं मिनन-नौम
नमाज नींद से बेहतर है
अजान का जवाब
जब अजान की आवाज सुनी तो यह दुआ पढ़े-
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ رَضِيتُ بِٱللَّٰهِ رَبًّا وَمُحَمَّدٍ رَسُولًا وَبِٱلْإِسْلَامِ دِينًا
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वह्दहु ला शरीक लहु, व अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु रज़ीतु बिल्लाहि रब्बाँ व मुहम्मदिन रसूलन व बिलिस्लामि दीना।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं| वह तन्हा है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं की मोहम्मद (सल्ल.) उसके बंदे और रसूल है| मैं राजी हूं अल्लाह को रब मानने पर और मोहम्मद (सल्ल.) को रसूल मानने पर और इस्लाम को दिन मानने पर
इसके बाद जो भी मुअज़्ज़िन कहे सुनने वाला भी वही कालिमा दोहराये मगर حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ (हय्या अला सलात) और حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ (हय्या अलल फ़लाह) के जवाब में यह कहे -
لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِٱللَّٰهِ
ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहि
अजान के बाद की दुआ
जब अजान खत्म हो जाए तो यह दुआ पढ़े -
اللَّهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِي وَعَدْتَه
अल्लाहुम्मा रब्बा हाजिहिद-दावातित-ताम्मति वस्सलातिल-कायिमति आति मुहम्मदनिल वसीलता वल फाजीलता वबअथुहु मक़ामाम-महमूदा अल्लजी वअअद्तहु।