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Namaz
Jan 23, 2023 0 Comments

आजान का बयान (Azan)

फर्ज़ नमाज़ों को जमात के साथ मस्जिद मे अदा करने के लिए अजान देना सुन्नते मुअक्कदा है। जब नमाज का वक्त हो जाये तो आजान देना चाहिए। वक्त से पहले जायज़ नहीं है। 
जो शख्श आजान दे, उसे चाहिए की किसी ऊंची जगह क़िबले की तरफ मुंह करके खड़ा हो और दोनों कानो मे शहादत की उंगुलिया देकर बुलंद आवाज़ मे आजान दे।
 

आजान के मुस्तहबात

  1. मोअज़्ज़िन का मुत्तकि होना 
  2. आजान के सुन्नतों से वाकिफ होना 
  3. बावज़ू आजान देना 
  4. दोनों कानो पर शहादत ऊँगली देना 
  5. "हय्या अलस्सलात" कहते वक्त दाहिने तरफ को देखना और "हय्या अललफ़लाह" कहते  वक्त बयां  तरफ को देखना
  6. कलमाते आजान को ठहर - ठहर के कहना 

आजान के मकरूहात

  1. गाने की तर्ज़ पर आजान देना 
  2. गलत आजान देना 
  3. बिना वज़ू के आजान देना 
  4. बैठ कर आजन देना 
  5. आजान के दरमियान बातें करना 
  6. नासमझ बच्चा होना
  7. पागल होना 
  8. बेहोस होना 
  9. औरत का होना
  10. फ़ासिक़ होना 

अजान  और  इसका अर्थ (Azan and its meaning)

ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
میں گواہی دیتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
میں گواہی دیتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
میں گواہی دیتا ہوں کہ حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے رسول ہیں
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
میں گواہی دیتا ہوں کہ حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے رسول ہیں
حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ
اؤ نماز کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ
اؤ نماز کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ
او کامیابی کی طرف
حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ
او کامیابی کی طرف
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
اللہ سب سے بڑا ہے
 
لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
اللہ کی سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں
फजर की अजान में حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ के बाद यह भी पढ़ें -
ٱلصَّلَوٰةُ خَيْرٌ مِنَ ٱلنَّوْمِ
نماز سونے سے بہتر ہے
ٱلصَّلَوٰةُ خَيْرٌ مِنَ ٱلنَّوْمِ
نماز سونے سے بہتر ہے

अजान हिंदी में लिखी हुई    (Azan in Hindi)

अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई भी माबूद नहीं है
अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई भी माबूद नहीं है
अश्हदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्ल.) अल्लाह के रसूल है
अश्हदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्ल.) अल्लाह के रसूल है
हय्या अला सलात
नमाज की तरफ आओ
हय्या अला सलात
नमाज की तरफ आओ
हय्या अलल फ़लाह
कामयाबी की तरफ आओ
हय्या अलल फ़लाह
कामयाबी की तरफ आओ
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे बड़ा है
ला इलाहा इल्लल्लाह
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
 
फजर की अजान में हय्या अलल फ़लाह (حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ) के बाद यह भी पढ़ें -
अस-सलातु खैरुं मिनन-नौम
नमाज नींद से बेहतर है
अस-सलातु खैरुं मिनन-नौम
नमाज नींद से बेहतर है

अजान का जवाब

जब  अजान की आवाज सुनी तो यह दुआ पढ़े-
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ رَضِيتُ بِٱللَّٰهِ رَبًّا وَمُحَمَّدٍ رَسُولًا وَبِٱلْإِسْلَامِ دِينًا
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वह्दहु ला शरीक लहु, व अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु रज़ीतु बिल्लाहि रब्बाँ व मुहम्मदिन रसूलन व बिलिस्लामि दीना।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं| वह तन्हा है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं की मोहम्मद (सल्ल.) उसके बंदे और रसूल है| मैं राजी हूं अल्लाह को रब मानने पर और मोहम्मद (सल्ल.) को रसूल मानने पर और इस्लाम को दिन मानने पर
 
इसके बाद जो भी मुअज़्ज़िन  कहे सुनने वाला भी वही कालिमा दोहराये मगर  حَيَّ عَلَى ٱلصَّلَوٰةِ (हय्या अला सलात) और حَيَّ عَلَى ٱلْفَلَاحِ (हय्या अलल फ़लाह) के जवाब में यह कहे -
لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِٱللَّٰهِ
ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहि
 

अजान के बाद की दुआ

जब अजान खत्म हो जाए तो यह दुआ पढ़े -
اللَّهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِي وَعَدْتَه
अल्लाहुम्मा रब्बा हाजिहिद-दावातित-ताम्मति वस्सलातिल-कायिमति आति मुहम्मदनिल वसीलता वल फाजीलता वबअथुहु मक़ामाम-महमूदा अल्लजी वअअद्तहु।
Namaz
Jan 28, 2023 0 Comments

Wazu ka bayan

वुज़ू इस्लाम में एक पवित्रता का तरीका है जो नमाज और दूसरी इबादतें करने के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि इंसान को अपने शरीर और रूह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए वुज़ू करना चाहिए।
इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार, नमाज अदा करने से पहले वजू करना अत्यंत आवश्यक है। नमाज को सही से अदा करने के लिए वजू का सही होना जरूरी है, अगर वजू सही ना हो तो नमाज भी मुकम्मल नहीं होगा।
 

वज़ू के फराइज

वजू के निम्नलिखित चार फराइज है:
  1. पेशानी के बालों से ठोढ़ी  के नीचे तक और दोनों कानों की लौ तक मुंह धोना
  2. दोनों हाथ कोहनियों तक धोना
  3. चौथाई सर का मसह करना
  4. दोनों पांव टखनों  समेत धोना 

वज़ू के सुन्नतें:

वज़ू के निम्नलिखित दस सुन्नतें है:
  1. नियत करना
  2. शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना
  3. पहले तीन बार दोनों हाथ कलाई तक धोना 
  4. मिस्वाक करना
  5. तीन बार कुल्ली  करना
  6. तीन बार नाक में पानी डालना यानी सांस के साथ ऊपर को पानी लेना जहां तक नर्म जगह हो
  7. दाढ़ी और हाथ पांव की उंगलियों का खलाल करना
  8. हर अजू को तीन-तीन बार धोना
  9. तरतीब से वजू करना
  10. दोनों कानों का मसह करना 

वज़ू की मुस्तहब चीजें:

  1. दाहिनी तरफ से शुरू करना
  2. गर्दन का मसह करना
  3. वज़ु  के काम खुद करना
  4. किबला रुख होकर बैठना
  5. पाक और ऊंची जगह पर बैठना
  6. मल-मल कर धोना

वज़ु की मकरूहात:

  1. नापाक जगह पर वजू करना
  2. दाया हाथ से नाक साफ करना
  3. वजू करने के दौरान दुनिया की बातें करना
  4. सुन्नत के खिलाफ वजू करना
  5. जोर से पानी के छपक्के मारना
  6. पानी ज्यादा बहाना

वज़ू तोड़ने वाली चीजें:

  1. पाखाना या पेशाब करना या इन दोनों रास्तों से किसी और चीज का निकलना
  2. हवा का पीछे से निकलना
  3. बदन के किसी भी हिस्से से खून या पीप का निकलकर बह जाना 
  4. मुँह भरकर कै हो जाना
  5. लेट कर या सहारा लगा कर सो जाना
  6. बीमारी या किसी और वजह से बेहोश हो जाना
  7. रुकू और सजदे वाली नमाज में खिलखिला कर हंसना
  8. मजनू यानी दीवाना हो जाना

वज़ू करने का तरीका:

जब नमाज पढ़ने का इरादा हो तो दिल में नियत करें की मैं वज़ू करता हूं, फिर बिस्मिल्लाह पढ़े, और तीन बार दोनों हाथों को पहुंचो (गत्तों) ओ तक धोएं। फिर तीन बार कुल्ली करें, मिस्वाक ना हो तो उंगलियों से दांतों को मल लो। फिर तीन बार नाक में पानी डालें और बाएं हाथ की छोटी उंगली से नाक साफ करें। फिर तीन बार मुंह धोएं, मुंह पर पानी जोर से ना मारे बल्कि आहिस्ता से परेशानी से लेकर ठोढ़ी  के नीचे तक और एक कान की लौ  से दूसरे कान की लौ तक धोएं। इसके बाद दोनों हाथ कोहनियों समेत तीन-तीन बार धोएं, पहले दाहिना हाथ फिर बाया हाथ धोएं। फिर सर का मसह करें फिर कानों का मसह करें, मसह सिर्फ एक बार करें। इसके बाद दया पाव टखनों तक तीन बार धोएं, फिर इसी तरह बाय पांव तीन बार धोएं। वज़ू के बाद यह दुआ पढ़नी मस्नून है - 
 

वज़ू के बाद की दुआ (Wazu k bad ki dua ):

أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ. اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ التَّوَّابِينَ وَاجْعَلْنِي مِنَ الْمُتَطَهِّرِينَ
अशहदु अन ला इलाहा इल्लाल्लाहु वह्दहू ला शरीकलहू, वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुहू, अल्लाहुम्मा इज़्आल्नी मिन तव्वाबीन वा इज़्आल्नी मिनल्मुततह्हिरीन।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। वह तन्हा है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं की मोहम्मद (सल्ल.) उसके बंदे और रसूल है। ए मेरे अल्लाह! मुझे बहुत ज्यादा तौबा करने वालों और पाकी हासिल करने वालों में से बना।
Ahadith
Nov 28, 2023 0 Comments

तयम्मुम का बयान (Tayammum ka bayan)

जिसको वजू या गुस्ल करने की जरूरत हो और पानी ना मिले या पानी तो हो लेकिन इसके इस्तेमाल से बीमारी हो जाने का खौफ हो या बीमारी बढ़ जाने का खतरा हो। या कुएं से पानी निकालने के लिए रस्सी या डोल या कोई सामान मौजूद न हो। या दुश्मन का खतरा हो। या सफर में हो और पानी एक मिल के फासले पर हो, तो इन सब शक्ल में वजू और गुसल की जगह तयम्मुम करे।
 

तयम्मुम के फ़राइज़

तयम्मुम मैं तीन चीज फर्ज है:
  1. तयम्मुम करने की नियत करना
  2. जमीन पर हाथ मार कर मुंह पर मलना
  3. दूसरी मर्तबा जमीन पर हाथ मार कर दोनों हाथों पर मलना
 

तयम्मुम का तरीका:

तयम्मुम में नियत करना फर्ज है। नियत यह करें कि मैं नमाज पढ़ने के लिए या नापाकी दूर करने के लिए तयम्मुम करता हूं। इसके बाद दोनों हाथों की हथेलियों की उंगलियों समेत पाक मिट्टी पर मारे फिर हाथ झाड़ कर पूरे मुंह पर मलें जितना हिस्सा मुंह का वजू में धोया जाता है उतने हिस्से पर हाथ पहुंचाएं, फिर दोबारा मिट्टी पर हाथ मार कर हाथ को कोहनियों तक मलें और उंगलियों का खलाल  करें।
वजू और गुस्ल के तयम्मुम में कोई फर्क नहीं है। जितना पाकी वजू और गुस्ल से होती है उतनी ही तयम्मुम से भी होती है।
 
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