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Namaz
Jan 28, 2023 0 Comments

Wazu ka bayan

वुज़ू इस्लाम में एक पवित्रता का तरीका है जो नमाज और दूसरी इबादतें करने के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि इंसान को अपने शरीर और रूह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए वुज़ू करना चाहिए।
इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार, नमाज अदा करने से पहले वजू करना अत्यंत आवश्यक है। नमाज को सही से अदा करने के लिए वजू का सही होना जरूरी है, अगर वजू सही ना हो तो नमाज भी मुकम्मल नहीं होगा।
 

वज़ू के फराइज

वजू के निम्नलिखित चार फराइज है:
  1. पेशानी के बालों से ठोढ़ी  के नीचे तक और दोनों कानों की लौ तक मुंह धोना
  2. दोनों हाथ कोहनियों तक धोना
  3. चौथाई सर का मसह करना
  4. दोनों पांव टखनों  समेत धोना 

वज़ू के सुन्नतें:

वज़ू के निम्नलिखित दस सुन्नतें है:
  1. नियत करना
  2. शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना
  3. पहले तीन बार दोनों हाथ कलाई तक धोना 
  4. मिस्वाक करना
  5. तीन बार कुल्ली  करना
  6. तीन बार नाक में पानी डालना यानी सांस के साथ ऊपर को पानी लेना जहां तक नर्म जगह हो
  7. दाढ़ी और हाथ पांव की उंगलियों का खलाल करना
  8. हर अजू को तीन-तीन बार धोना
  9. तरतीब से वजू करना
  10. दोनों कानों का मसह करना 

वज़ू की मुस्तहब चीजें:

  1. दाहिनी तरफ से शुरू करना
  2. गर्दन का मसह करना
  3. वज़ु  के काम खुद करना
  4. किबला रुख होकर बैठना
  5. पाक और ऊंची जगह पर बैठना
  6. मल-मल कर धोना

वज़ु की मकरूहात:

  1. नापाक जगह पर वजू करना
  2. दाया हाथ से नाक साफ करना
  3. वजू करने के दौरान दुनिया की बातें करना
  4. सुन्नत के खिलाफ वजू करना
  5. जोर से पानी के छपक्के मारना
  6. पानी ज्यादा बहाना

वज़ू तोड़ने वाली चीजें:

  1. पाखाना या पेशाब करना या इन दोनों रास्तों से किसी और चीज का निकलना
  2. हवा का पीछे से निकलना
  3. बदन के किसी भी हिस्से से खून या पीप का निकलकर बह जाना 
  4. मुँह भरकर कै हो जाना
  5. लेट कर या सहारा लगा कर सो जाना
  6. बीमारी या किसी और वजह से बेहोश हो जाना
  7. रुकू और सजदे वाली नमाज में खिलखिला कर हंसना
  8. मजनू यानी दीवाना हो जाना

वज़ू करने का तरीका:

जब नमाज पढ़ने का इरादा हो तो दिल में नियत करें की मैं वज़ू करता हूं, फिर बिस्मिल्लाह पढ़े, और तीन बार दोनों हाथों को पहुंचो (गत्तों) ओ तक धोएं। फिर तीन बार कुल्ली करें, मिस्वाक ना हो तो उंगलियों से दांतों को मल लो। फिर तीन बार नाक में पानी डालें और बाएं हाथ की छोटी उंगली से नाक साफ करें। फिर तीन बार मुंह धोएं, मुंह पर पानी जोर से ना मारे बल्कि आहिस्ता से परेशानी से लेकर ठोढ़ी  के नीचे तक और एक कान की लौ  से दूसरे कान की लौ तक धोएं। इसके बाद दोनों हाथ कोहनियों समेत तीन-तीन बार धोएं, पहले दाहिना हाथ फिर बाया हाथ धोएं। फिर सर का मसह करें फिर कानों का मसह करें, मसह सिर्फ एक बार करें। इसके बाद दया पाव टखनों तक तीन बार धोएं, फिर इसी तरह बाय पांव तीन बार धोएं। वज़ू के बाद यह दुआ पढ़नी मस्नून है - 
 

वज़ू के बाद की दुआ (Wazu k bad ki dua ):

أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ. اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ التَّوَّابِينَ وَاجْعَلْنِي مِنَ الْمُتَطَهِّرِينَ
अशहदु अन ला इलाहा इल्लाल्लाहु वह्दहू ला शरीकलहू, वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुहू, अल्लाहुम्मा इज़्आल्नी मिन तव्वाबीन वा इज़्आल्नी मिनल्मुततह्हिरीन।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। वह तन्हा है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं की मोहम्मद (सल्ल.) उसके बंदे और रसूल है। ए मेरे अल्लाह! मुझे बहुत ज्यादा तौबा करने वालों और पाकी हासिल करने वालों में से बना।

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