जिसको वजू या गुस्ल करने की जरूरत हो और पानी ना मिले या पानी तो हो लेकिन इसके इस्तेमाल से बीमारी हो जाने का खौफ हो या बीमारी बढ़ जाने का खतरा हो। या कुएं से पानी निकालने के लिए रस्सी या डोल या कोई सामान मौजूद न हो। या दुश्मन का खतरा हो। या सफर में हो और पानी एक मिल के फासले पर हो, तो इन सब शक्ल में वजू और गुसल की जगह तयम्मुम करे।
तयम्मुम के फ़राइज़
तयम्मुम मैं तीन चीज फर्ज है:
- तयम्मुम करने की नियत करना
- जमीन पर हाथ मार कर मुंह पर मलना
- दूसरी मर्तबा जमीन पर हाथ मार कर दोनों हाथों पर मलना
तयम्मुम का तरीका:
तयम्मुम में नियत करना फर्ज है। नियत यह करें कि मैं नमाज पढ़ने के लिए या नापाकी दूर करने के लिए तयम्मुम करता हूं। इसके बाद दोनों हाथों की हथेलियों की उंगलियों समेत पाक मिट्टी पर मारे फिर हाथ झाड़ कर पूरे मुंह पर मलें जितना हिस्सा मुंह का वजू में धोया जाता है उतने हिस्से पर हाथ पहुंचाएं, फिर दोबारा मिट्टी पर हाथ मार कर हाथ को कोहनियों तक मलें और उंगलियों का खलाल करें।
वजू और गुस्ल के तयम्मुम में कोई फर्क नहीं है। जितना पाकी वजू और गुस्ल से होती है उतनी ही तयम्मुम से भी होती है।
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